
भारत के इतिहास में अभी तक ऐसा नहीं हुआ, कि किसी व्यक्ति को फांसी की दी जाए और रस्सी टूट जाए,फांसी देने से पहले फांसी वाले व्यक्ति का वजन किया जाता है, और जिस रस्सी से फांसी दी जाती है उस रस्सी मैं देर से 2 गुना वजन रखकर पहले ट्रायल किया जाता है, ट्रायल करते वक्त मजिस्ट्रेट, जेल अधीक्षक की मौजूदगी में जल्लाद यह कार्य करता है, ट्रायल पूरा होने के बाद रस्सी सुरक्षित रख दी जाती है और उसे सील कर दिया जाता है ताकि कोई रस्सी के साथ छेड़छाड़ ना करें, ज्ञात रहे कि फांसी हमेशा सूर्योदय से पहले ही दी जाती है इसलिए टेस्ट की हुई रस्सी जिसका ट्रायल हो चुका होता है, उसे फांसी वाले दिन प्रयोग में लाया जाता है, स्वतंत्र भारत में अभी तक एक भी ऐसा उदाहरण नहीं है कि फांसी देते वक्त रस्सी टूट गई हो |
इंडिया में फांसी सेक्शन 345(5)1898 के ब्रिटिश दौर के कानून पर आधारित है, फांसी की सज़ा सुनाते वक़्त जज ‘Hang till death ‘कहते हैं, मतलब मुजरिम को मौत होने तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए, फांसी में ‘Hang till death’ को बाद में ब्रिटिश हुक़ूमत ने जोड़ा था, इसको जोड़ने के पीछे एक घटना है, वो ये है कि एक भारतीय ने एक ब्रिटिश अधिकारी की घोड़ागाड़ी में आग लगा दी, कोर्ट में आरोपी की तरफ़ से मोतीलाल नेहरू पैरवी कर रहे थे, जज ने मुजरिम को सार्वजनिक रूप से दंड देने का हुक्म देते हुए और फांसी की सज़ा सुनाते हुए कहा कि ‘है़ंग हिम ‘, मतलब इसको फांसी के फंदे पर लटकाया जाए, मुजरिम को सार्वजनिक रूप से फांसी का फंदा पहनाया गया, मोतीलाल नेहरू भी वहाँ मौजूद थे और जैसे ही जल्लाद ने फांसी दी मोतीलाल नेहरू द्वारा सिखाकर तैयार किए गए वहीं खड़े एक व्यक्ति ने लपक कर फांसी पाए व्यक्ति के पैर नीचे से थाम लिए, हंगामा हो गया, फांसी पाया व्यक्ति बच गया, नीचे से पैर थाम लेने वाला व्यक्ति पकड़ा गया, मोतीलाल नेहरू ने ब्रिटिश अधिकारियों से कहा अब इसका फ़ैसला कोर्ट में होगा, सब लोग कोर्ट में पेश हुए, मोतीलाल नेहरू ने जज से कहा कि आपने आदेश में कहा था ‘Hang him ‘, कोर्ट के आदेश का पालन हुआ, मुजरिम को फांसी पर लटकाया गया, आपने ये नहीं कहा था कि कब तक लटकाना है, अब पेंच फँस गया, कानून के अनुसार एक ही व्यक्ति को दो बार फांसी नहीं दी जा सकती, मुजरिम छूट गया और नीचे से पैर थामने वाला भी बरी हो गया, अब ब्रिटिश सरकार के होश उड़ गए, सरकार ने कानून में संशोधन किया और फांसी यूँ देने का प्रावधान किया कि ‘Hang him till death ‘ मतलब मौत होने तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए !
मानो अब बचने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है।
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